Ganesh ji
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भारी जितने हैं देव गणपति जी
भार उतना ही हल्का है इनका
कि चूहे भी भार इनका सह लेते हैं
गजानन जितने देव बड़े हैं
वाहन उतना ही छोटा सा रखते
गणाध्यक्ष प्रथम पूज्य सब देवों में है
बस दुर्बा में हीे खुश होकर के
कुसुमित सा जीवन कर देते हैं।
अंक में गौरी मां के सजते हैं लाड़ले
षडानन जी के प्यारे अनुज गजानन हैं
देवों के देव केे ह्रदय कोे प्यारे हैं
रिद्धि और सिद्धि से जीवन भर देते हैं
एकदंत को ना कोई दोहरी सी बात भाये
कारजों को सारे मंगल कर देते हैं
अंधियारे सारे विघ्न हरते विघ्नहर्ता
उगता सफलता का भानु दे देते हैं।।
©श्वेता मोदी अग्रवाल
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