मैं देखूं जिस ओर सखी री सामने मेरे सांवरियां,

banner

मैं देखूं जिस ओर सखी री सामने मेरे सांवरियां,
प्रेम ने जोगन मुझको बनाया,तन को सीचा मन को जलाया,
प्रेम के दुख मे डूब गया दिल,जैसे जल मे गागरियां,
सामने मेरे सांवरियां......

दुनिया कहती मुझको दिवाना कोई ना समझे प्रेम की बानी,
कैसे बताऊं कैसे बिछुड़ी पी के मुख से बांसुरियां
सामने मेरे सांवरिया....


रो रो कर हर दुख सहना है, दुख सह सह कर चुप रहना है,
कृष्णा कृष्णा रटते रटते, मैं तो हो गई बावरिया ,
सामने मेरे सांवरिया.....


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट